जिंदगी की जद्दोजहद

क्या ख़ता थी मेरी ए  खुदा -2
की मुझे ऐसी सजा दी है ,
सजा देनी ही थी तो मौत की देते,
क्यों सजा में ये जद्दोजहद की ज़िंदगी दी है !

क्या कोई कमी थी मेरी साधना में आपके प्रति
यदि थी तो जरा  बता देते ,
मैं कोशिश करता की दुबारा  ऐसी कोई  भूल ना हो मुझसे -2
पर आपने तो बिना कुछ कहे ही सजा दी है ,
और यदि सजा देनी ही थी तो मौत की देते ,
क्यों सजा में ऐसी जिंदगी दी है,,
जिसका कोई मान नहीं कोई मोल नहीं
ए खुदा आपने ये क्या कर दी है ,
क्यों सजा में ये जद्दोजहद की जिंदगी दी है !

पर मैं  हार नहीं मानूँगा मैं  -2
क्षत्रिय का रक्त है मेरे रग रग  में ,
चंद्रवंशी होने का गुमान है मेरे मन मे  ,कि
ढूँढू गा आपको मै तबतक  जबतक प्राण है मेरे तन में
और जिस दिन मिले ना आप हमे ,
बता दूँगा  मैं आपको की आपने कितनी बड़ी गलती की है ,
 यदि आपको सजा देनी ही थी तो मौत की देते ,
क्यों आपने सजा में ये जद्दोजहद की जिंदगी दी है !!!!!!


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